त्याग की सूरत है बेटी
ममता की मूरत है बेटी
सस्कारों की जान है बेटी
हर घर की तो शान है बेटी
खुशियों का संसार है बेटी
प्रेम का आधार है बेटी
शीतल सी एक हवा है बेटी
सब रोगों की दवा है बेटी
ममता का सम्मान है बेटी
मात-पिता का मान है बेटी
आँगन की तुलसी है बेटी
पूजा की कलसी है बेटी
सृष्टि है, शक्ति है बेटी
दृष्टि है, भक्ति है बेटी
श्रद्धा है, विश्वास है बेटी
जीवन की एक आस है बेटी
By Monika Jain ‘पंछी’